प्राचीन नाम |
आधुनिक नाम |
कुभु |
कुर्रम |
कुभा |
काबुल |
वितस्ता |
झेलम |
आस्किनी |
चिनाव |
पुरुष्णी |
रावी |
शतुद्रि |
सतलज |
विपाशा |
व्यास |
सदानीरा |
गंडक |
दृषद्वती |
घग्घर |
गोमती |
गोमल |
सुवास्तु |
स्वात |
सिंधु |
सिन्ध |
सरस्वती/दृशद्वर्ती |
घघ्घर/रक्षी/चित्तग |
सुषोमा |
सोहन |
मरुद्वृधा |
मरुवर्मन |
भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे:-
1. हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
2. दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
3. तटवर्ती नदियाँ
4. अन्तर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ और ग्लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्तर प्रवाह बना रहता है। मानसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश पर निर्भर हैं अत: इसके आयतन में उतार चढ़ाव होता है। इनमें से कई अस्थायी होती हैं। तटवर्ती नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट पर, लम्बाई में छोटी होती हैं और उनका सीमित जलग्रहण क्षेत्र होता है। इनमें से अधिकांश अस्थायी होती हैं। पश्चिमी राजस्थान के अन्तर्देशीय नाला द्रोणी क्षेत्र की कुछ् नदियाँ हैं। इनमें से अधिकांश अस्थायी प्रकृति की हैं। हिमाचल से निकलने वाली नदी की मुख्य प्रणाली सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदी की प्रणाली की तरह है।
विश्व की महान, नदियों में एक है, तिब्बत में मानसरोवर के निकट से निकलती है और भारत से होकर बहते हुए पाकिस्तान के कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती है। भारतीय क्षेत्र में बहने वाली इसकी सहायक नदियों में सतलुज (तिब्बत से निकलती है), व्यास, रावी, चिनाब, और झेलम हैं।
ब्रह्मपुत्र मेघना एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण प्रणाली है जिसका उप द्रोणी क्षेत्र भागीरथी और अलकनंदा में है, जो देवप्रयाग में मिलकर गंगा बन जाती है। यह उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार और प.बंगाल से होकर बहती है। राजमहल की पहाड़ियों के नीचे भागीरथी नदी, जो पुराने समय में मुख्य नदी हुआ करती थी, निकलती है जबकि पद्मा पूरब की ओर बहती है और बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
ब्रह्मपुत्र तिब्बत से निकलती है, जहाँ इसे सांगपो कहा जाता है और लम्बी दूरी की यात्रा कर भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। यहाँ इसे दिहांग कहा जाता है। पासी घाट के निकट देबांग और लोहित ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती हैं और यह संयुक्त नदी पूरे असम से होकर एक संकीर्ण घाटी में बहती है। यह घुबरी के अनुप्रवाह में बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी, महानदी, और सोन; गंगा की महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ हैं। चंबल और बेतवा महत्त्वपूर्ण उप सहायक नदियाँ हैं जो गंगा से मिलने से पहले यमुना में मिल जाती हैं। पद्मा और ब्रह्मपुत्र बांग्लादेश में मिलती हैं और पद्मा अथवा गंगा के रुप में बहती रहती है। भारत में ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ सुबसिरी, जिया भरेली, घनसिरी, पुथिभारी, पागलादिया और मानस हैं। बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र तिस्ता के प्रवाह को समेटकर अन्तत: गंगा में मिल जाती है। मेघना की मुख्य सहायक नदी बराक नदी मणिपुर की पहाड़ियों में से निकलती है। इसकी महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ मक्कू, ट्रांग, तुईवई, जिरी, सोनई, रुक्वी, कचरवल, घालरेवरी, लांगाचिनी, महुवा और जातिंगा हैं। बराक नदी बांग्लादेश में भैरव बाजार के निकट गंगा-ब्रह्मपुत्र के मिलने तक बहती रहती है।
दक्कन क्षेत्र में अधिकांश नदी प्रणालियाँ सामान्यतः पूर्व दिशा में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं।
गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी, आदि पूर्व की ओर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं और नर्मदा, ताप्ती पश्चिम की बहने वाली प्रमुख नदियाँ है। दक्षिणी प्रायद्वीप में गोदावरी दूसरी सबसे बड़ी नदी का द्रोणी क्षेत्र है जो भारत के क्षेत्र का 10 प्रतिशत भाग है। इसके बाद कृष्णा नदी के द्रोणी क्षेत्र का स्थान है जबकि महानदी का तीसरा स्थान है। दक्कन के ऊपरी भूभाग में नर्मदा का द्रोणी क्षेत्र है, यह अरब सागर की ओर बहती है, बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली दक्षिण में कावेरी के समान आकार की है और परन्तु इसकी विशेषताएँ और बनावट अलग है।
भारत में कई प्रकार की तटवर्ती नदियाँ हैं जो अपेक्षाकृत छोटी हैं। ऐसी नदियों में काफी कम नदियाँ-पूर्वी तट के डेल्टा के निकट समुद्र में मिलती हैं, जबकि पश्चिम तट पर ऐसी 600 नदियाँ है।
राजस्थान में ऐसी कुछ नदियाँ है जो समुद्र में नहीं मिलती हैं। ये खारे झीलों में मिल जाती है और रेत में समाप्त हो जाती हैं जिसकी समुद्र में कोई निकासी नहीं होती है। इसके अतिरिक्त कुछ मरुस्थल की नदियाँ होती हैं जो कुछ दूरी तक बहती हैं और मरुस्थल में लुप्त हो जाती हैं। ऐसी नदियों में लुणी और मच्छक, स्पेहन, सरस्वती, बनास और घग्घर जैसी अन्य नदियाँ हैं।
क्रम |
नदी |
लम्बाई (कि.मी.) |
उद्गम स्थान |
सहायक नदियाँ |
प्रवाह क्षेत्र (सम्बन्धित राज्य) |
1 |
2,880 (709) |
मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत) |
सतलुज, व्यास, झेलम, चिनाब, रावी, शिंगार, गिलगित, श्योक |
जम्मू और कश्मीर, लेह |
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2 |
720 |
शेषनाग झील, जम्मू-कश्मीर |
किशन, गंगा, पुँछ लिदार,करेवाल, सिंध |
जम्मू-कश्मीर, कश्मीर |
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3 |
1,180 |
बारालाचा दर्रे के निकट |
चन्द्रभागा |
जम्मू-कश्मीर |
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4 |
725 |
रोहतांग दर्रा, कांगड़ा |
साहो, सुइल |
पंजाब |
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5 |
1440 (1050) |
मानसरोवर के निकट राकसताल |
व्यास, स्पिती, बस्पा |
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6 |
470 |
रोहतांग दर्रा |
तीर्थन, पार्वती, हुरला |
हिमाचल प्रदेश |
|
7 |
2,510 (2071) |
गंगोत्री के निकट गोमुख से |
यमुना, रामगंगा, गोमती, बागमती, गंडक, कोसी,सोन, अलकनंदा, भागीरथी, पिण्डार, मंदाकिनी, |
||
8 |
1375 |
यमुनोत्री ग्लेशियर |
चम्बल, बेतवा, केन, टोंस, गिरी, काली, सिंध, आसन |
उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली
|
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9 |
690 |
नैनीताल के निकट एक हिमनदी से |
खोन |
उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश |
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10 |
1,080 |
मप्सातुंग (नेपाल) हिमनद |
शारदा, करनली, कुवाना, राप्ती, चौकिया, |
उत्तर प्रदेश, बिहार |
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11 |
425 |
नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट |
काली गंडक, त्रिशूल, गंगा |
बिहार |
|
12 |
730 |
नेपाल में सप्तकोशिकी (गोंसाईधाम) |
इन्द्रावती, तामुर, अरुण, कोसी
|
सिक्किम, बिहार |
|
13 |
960 |
मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से |
काली सिंध, सिप्ता, पार्वती, बनास |
||
14 |
480 |
भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास |
|
मध्य प्रदेश |
|
15 |
770 |
अमरकंटक की पहाड़ियों से |
रिहन्द, कुनहड़ |
मध्य प्रदेश, बिहार |
|
16 |
दामोदर नदी |
600 |
छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व |
कोनार, जामुनिया, बराकर |
झारखण्ड, पश्चिम बंगाल |
17 |
2,880 |
मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत में सांग्पो) |
घनसिरी, कपिली, सुवनसिती, मानस, लोहित, नोवा, पद्मा, दिहांग |
||
18 |
890 |
सिहावा के निकट रायपुर |
सियोनाथ, हसदेव, उंग, ईब, ब्राह्मणी, वैतरणी |
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा
|
|
19 |
वैतरणी नदी |
333 |
क्योंझर पठार |
|
उड़ीसा |
20 |
स्वर्ण रेखा |
480 |
छोटा नागपुर पठार |
|
उड़ीसा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल |
21 |
1,450 |
नासिक की पहाड़ियों से |
प्राणहिता, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इन्द्रावती, मंजीरा, पुरना |
||
22 |
1,290 |
महाबलेश्वर के निकट |
कोयना, यरला, वर्णा, पंचगंगा, दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, तुंगप्रभा, मूसी |
महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश
|
|
23 |
760 |
केरकारा के निकट ब्रह्मगिरी |
हेमावती, लोकपावना, शिमला, भवानी, अमरावती, स्वर्णवती |
कर्नाटक, तमिलनाडु |
|
24 |
1,312 |
अमरकंटक चोटी |
तवा, शेर, शक्कर, दूधी, बर्ना |
मध्य प्रदेश, गुजरात |
|
25 |
ताप्ती नदी |
724 |
मुल्ताई से (बेतूल) |
पूरणा, बेतूल, गंजल, गोमई |
मध्य प्रदेश, गुजरात |
26 |
साबरमती |
716 |
जयसमंद झील (उदयपुर) |
वाकल, हाथमती |
राजस्थान, गुजरात |
27 |
लूनी नदी |
|
नाग पहाड़ |
सुकड़ी, जनाई, बांडी |
राजस्थान, गुजरात, मिरूडी, जोजरी |
28 |
|
खमनौर पहाड़ियों से |
सोड्रा, मौसी, खारी |
कर्नाटक, तमिलनाडु |
|
29 |
|
मेहद झील से |
सोम, जोखम, अनास, सोरन |
मध्य प्रदेश, गुजरात |
|
30 |
|
नवद्वीप के निकट |
जलांगी |
|
|
31 |
उत्तरी पेन्नार |
570 |
नंदी दुर्ग पहाड़ी |
पाआधनी, चित्रावती, सागीलेरू |
|
32 |
|
पश्चिमी घाट में गोमन्तक चोटी |
कुमुदवती, वर्धा, हगरी, हिंद, तुंगा, भद्रा |
|
|
33 |
मयूसा नदी |
|
आसोनोरा के निकट |
मेदेई |
|
34 |
साबरी नदी |
418 |
सुईकरम पहाड़ी |
सिलेरु |
|
35 |
531 |
कालाहाण्डी, उड़ीसा |
नारंगी, कोटरी |
|
|
36 |
क्षिप्रा नदी |
|
काकरी बरडी पहाड़ी, इंदौर |
चम्बल नदी |
|
37 |
शारदा नदी |
602 |
मिलाम हिमनद, हिमालय, कुमायूँ |
घाघरा नदी |
|
38 |
तवा नदी |
|
महादेव पर्वत, पंचमढ़ी |
नर्मदा नदी |
|
39 |
हसदो नदी |
|
सरगुजा में कैमूर पहाड़ियाँ |
महानदी |
|
40 |
काली सिंध नदी |
416 |
बागलो, ज़िला देवास,विंध्याचल पर्वत |
यमुना नदी |
|
41 |
सिन्ध नदी |
|
सिरोज, गुना ज़िला |
चम्बल नदी |
|
42 |
केन नदी |
|
विंध्याचल श्रेणी |
यमुना नदी |
|
43 |
पार्वती नदी |
|
विंध्याचल, मध्य प्रदेश |
चम्बल नदी |
|
44 |
घग्घर नदी |
|
कालका, हिमाचल प्रदेश |
|
|
45 |
बाण गंगा नदी |
494 |
बैराठ पहाड़ियाँ, जयपुर |
यमुना नदी |
|
46 |
सोम नदी |
|
बीछा मेंड़ा, उदयपुर |
जोखम, गोमती, सारनी |
|
47 |
आयड़ या बेडच नदी |
190 |
गोमुण्डा पहाड़ी, उदयपुर |
बनास नदी |
|
48 |
दक्षिण पिनाकिन |
400 |
चेन्ना केशव पहाड़ी, कर्नाटक |
|
|
49 |
दक्षिणी टोंस |
265 |
तमसा कुंड, कैमूर पहाड़ी |
|
|
50 |
दामन गंगा नदी |
|
पश्चिम घाट |
|
|
51 |
गिरना नदी |
|
पश्चिम घाट, नासिक |
|
|