बड़े पैमाने पर निर्मित मानचित्र जिसमें किसी क्षेत्र के प्राकृतिक तथा मानवीय तथ्यों के विस्तृत विवरण को प्रदर्शित किया जाता है। उच्चावच को सामान्यतः समोच्च रेखाओं द्वारा तथा अन्य तथ्यों को परंपरागत चिह्नों द्वारा दिखाया जाता है।
भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने मापनी के अनुसार कई प्रकार के स्थलाकृतिक अंशचित्रों या भूपत्रकों को तैयार किया है जो इस प्रकार हैं-
1. चौथाई इंची अंश चित्र (quarter inch sheet) जिसकी मापनी 1” = 4 मील अथवा प्र.भि. 1:250,000 है। इस पर प्रदर्शित क्षेत्र का विस्तार 10 अक्षांश तथा 10 देशांतर होता है, जैसे 50 M, 45 G, 63 K आदि।
2. आधा इंची अंश चित्र (half inch sheet) जिसकी मापनी 1”=2 मील तथा क्षेत्रीय विस्तार 30’अक्षांश और 30’ देशांतर होता है जैसे 50 M/SW, 45 G/NW, 63 K/NEआदि। ऐसे भूपत्रक अब प्रचलन में नहीं हैं।
3. एक इंची अंश चित्र (one inch sheet) जिसकी मापनी 1”=1 मील अथवा प्रदर्शक भिन्न 1:50,000 होती है। इसका विस्तार 15’अक्षांश और 15’ देशांतर होता है जैसे 50 M/10, 45 G/12, 63 K/15 आदि।
4. प्रदर्शक भिन्न 1:25,000 मापनी अंश चित्र (R.F. 1/25,000 sheet) जो 5’ अक्षांश और 7’ 30”देशांतर के मध्य स्थित क्षेत्र को प्रदर्शित करता है। एक इंची अंश चित्र को 6 बराबर भागों में विभक्त करके ऐसे अंश चित्रों को प्राप्त किया जाता है। इनके पत्रांक 50M/10/2, 45 G/12/6, 63 K/15/4 आदि प्रकार के होते हैं।
बड़े पैमाने पर तैयार किया गया एक मानचित्र जिसमें किसी क्षेत्र के प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक लक्षण ब्यौरेवार प्रस्तुत किए जाते हैं।