बूंद बूंद पानी को मोहताज बुंदेलखंड के आधुनिक भगीरथ ने अपने निजी नलकूप से पानी डाल दम तोड़ती सालों से सूखी पड़ी चंद्रावल नदी को जीवंत कर इतिहास रच दिया है। कबरई विकास खंड के बन्नी गांव में रहने वाले बुजुर्ग किसान बलवीर नामक भगीरथ के कठिन मेहनत और लगन के चलते आसपास के गांवों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी होने लगी है।
बलवीर सिंह ने अपने निजी नलकूप से पाइप और खेतों में कच्ची नाली के माध्यम से नदी की मुख्यधारा में जोड़ पानी से लबालब कर दिया है। आवास के सभी गांवों के साथ यह पानी करीब आठ किलोमीटर की सीमा पार कर चुका है। सूखे तालाब, पोखरों में नदी का पानी मिलने से इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए यह नदी की जलधारा एक जीवनदायिनी बनकर सामने आयी है। बलवीर के निस्वार्थ तपस्या से खुश ग्रामीण मंदिरों में पूजा अर्चना कर आज के कर्मयोगी भगीरथ की संज्ञा देने में जुटे हुए हैं और सभी ग्रामीण उनके इस कारनामे का गुणगान गा रहे हैं।
किसान बलबीर आधुनिक भगीरथ के रूप सामने आया और उसने अपना निजी ट्यूबवेल चलाकर सूखी नदी में पानी भर नया इतिहास रच दिया। तीन महीने की कड़ी मशक्कत के बाद उसने नदी में पानी भर के चमत्कार कर दिखाया है। प्यास से तड़प रहे पशु, पक्षी और इंसान अपनी प्यास बुझा रहे हैं। गांव की सभी महिलाएं मानती हैं कि करीब तीन माह से दिन रात ट्यूबवेल चलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। बलबीर की मानों तो श्री रामराजा सरकार की प्ररेणा से वह इस कठिन और आश्चर्य चकित काम करने में सफल हुए हैं।
बलवीर सिंह ने जल संचायन और जल संवर्धन कर अनोखी मिसाल पेश की है। पानी जैसी विकराल समस्या से पास के गांव वालों को जलस्त्रोत के माध्यम और निजी खर्चे से इंसानों के साथ-साथ मवेशियों, जीव जंतुओं को जीवनदान दे रहे हैं। किसान की सराहनीय पहल को बढ़ावा देने के लिए किसान को सम्मानित और प्रोत्साहित किया जाएगा। किसान अपने खेत से 25 सौ फुट लंबे पाइप के जरिये पानी नदी तक पहुंचा रहा है। आज भी नदी में पानी डाला जा रहा है। तो वहीं गांव का जलस्तर बढ़ने से नीचे खिसक चुका जलस्तर 50 फुट ऊपर आ गया है।
महोबा के सदर तहसील के कबरई विकास खंड के बन्नी गांव में भीषण गर्मी से सभी नदियां, नाले, तालाब, पोखर सूख गये थे, जिससे पशु, पक्षी और जंगली जानवर प्यास से तड़प के दम तोड़ने लगे थे। महोबा जिले का एक किसान बलबीर आधुनिक भागीरथ के रूप सामने आया और उसने अपना निजी ट्यूबवेल चलाकर सूखी नदी में पानी भर नया इतिहास रच दिया। तीन महीने की कड़ी मशक्कत के बाद उसने नदी में पानी भर के चमत्कार कर दिखाया है। प्यास से तड़प रहे पशु, पक्षी और इंसान अपनी प्यास बुझा रहे हैं। गांव की सभी महिलाएं मानती हैं कि करीब तीन माह से दिन रात ट्यूबवेल चलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। बलबीर की मानों तो श्री रामराजा सरकार की प्ररेणा से वह इस कठिन और आश्चर्य चकित काम करने में सफल हुए हैं। तीन महीनों से लगातार चल रहा यह निजी नलकूप बुंदेलों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। बलबीर बताते हैं कि दिन रात पानी नदी में पहुंचाने के लिए उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
TAGS |
bundelkhand farmer balveer recharge river, how to recharge river, groundwater recharge techniques, groundwater recharge methods ppt, भूजल रिचार्ज, explain how groundwater is recharged, groundwater recharge techniques, नदियों की सुरक्षा के उपाय, नदी बचाओ पर निबंध, नदियों की सफाई पर निबंध, भूजल रिचार्ज,नदियों की सुरक्षा के कार्य. |