जल संरक्षण

डी ए वी महाविद्यालय देहरादून द्वारा एक दिवसीय पेयजल सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

डी ए वी कॉलेज देहरादून की और से एक दिवसीय पेयजल सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया | Get information about One day drinking water safety training program organized by DAV College, Dehradun

Author : डॉ भवतोष शर्मा 

डी ए वी महाविद्यालय देहरादून द्वारा उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद से वित्त पोषित शोध परियोजना के अंतर्गत आज दिनाँक 5 जनवरी 2024 को बहादराबाद विकास खंड की अजीतपुर ग्राम सभा हरिद्वार के पंचायत भवन में एक दिवसीय "ग्रामीण पेयजल आपूर्ति में जैविकीय प्रदूषण रोकने हेतु जल सुरक्षा योजना हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला" का आयोजन डी बी एस कॉलेज देहरादून एवं हर्ष विद्या मंदिर महाविद्यालय रायसी हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। 

कार्यशाला समन्वयक डी ए वी महाविद्यालय देहरादून के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर प्रशांत सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के आयोजन पर प्रकाश डाला।  कार्यक्रम की अध्यक्षता अजीतपुर के ग्राम प्रधान श्री प्रखर कश्यप ने करते हुए कार्यक्रम को बहुत उपयोगी बताया तथा सभी से जल को बचाने का आव्हान किया। 

कार्यक्रम में परियोजना के अन्वेषक एवं कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर प्रशांत सिंह एवं आयोजक टीम द्वारा ग्राम प्रधान श्री प्रखर कश्यप को जल परीक्षण करने के लिए फ़ील्ड टेस्टिंग किट प्रदान की गयी जिससे गाँव के जलस्रोतों का जल समय समय पर टेस्ट किया जा सके। विशिष्ट अतिथि श्री नाग सिंह कश्यप पूर्व राज्य मंत्री मत्स्य विभाग, उत्तराखंड सरकार ने कहा कि भविष्य की जल जरूरत के लिए आज ही जागरूक होकर कार्य करने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि डॉ विजेंद्र चौहान, उपाध्यक्ष बीस सूत्रीय कार्यक्रम, उत्तराखंड सरकार ने कहा कि जल ही जीवन है इसलिए इसका संरक्षण जरूरी है। 

तकनीकी सत्र का पहला व्याख्यान डी ए वी कॉलेज देहरादून के रसायन विभाग के प्रोफेसर डॉ प्रशांत सिंह ने "जल सुरक्षा योजना बनाने में जैविकीय प्रदूषण रोकने की आवश्यकता तथा उपाय" विषय पर व्याख्यान देते हुए जल में जीवाणओं की जांच एवं उनको दूर करने के उपाय पर दिया। उन्होंने जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने को कहा जिससे  मानव स्वास्थ्य की रक्षा हो सके। 

तकनीकी सत्र का दूसरा व्याख्यान उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून के वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने "जल गुणवत्ता के भौतिक,  रासायनिक तथा जैविक गुणों का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं रोकथाम के उपाय" विषय पर विस्तार से व्याख्यान देते हुए कहा कि सामान्य रूप से हम अपने पेय जलस्रोत से प्राप्त जल को छानकर, उबालकर, ठंडा करके पुनः छानकर पीने के लिए प्रयोग कर सकते हैं इससे पानी में उपस्थित टरबिडिटी (गंदलापन) के साथ साथ अधिकता में उपस्थित टीडीएस, हार्डनेस, कैलसियम आदि की मात्रा में कमी आ जाती है। 

उत्तराखंड जल संस्थान देहरादून के मुख्य रसायनज्ञ डॉ विकास कडारी ने फ़ील्ड टेस्टिंग किट द्वारा जल गुणवत्ता के विभिन्न मानकों पी एच, आयरन, फ्लोराइड, नाइट्रेट, क्लोरीन आदि को टेस्ट करना सिखाया। कार्यक्रम में 80 से अधिक ग्रामीणों ने   प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपप्रधान श्री कैलाश, श्री प्रहलाद कश्यप, श्री हरफूल कश्यप, डॉ ब्रह्मपाल चौहान, श्रीमती रीना, प्रीति, जैकी कश्यप, रॉबिन चौहान, शिल्पी, पंचायत सचिव श्रीमती अमनदीप कौर, ग्राम विकास अधिकारी श्री धर्मेंद्र पाल, सुबोध आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

स्रोत :-

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