(IHP) के तत्वावधान में जल संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के निस्तारण के लिए कुल 17 प्रमुख कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिसकी हम संक्षेप में चर्चा करते जा रहे हैं। पिछले भाग 2 में 11 कार्यक्रमें की चर्चा हम कर चके हैं। आगे के क्रयक्रमें को आप यहां पढ़ सकते हैं।
PC-CP एक ऐसी परियोजना है. जो शांति, सहयोग और विकास के लिए साझा जल संसाधनों के प्रबंधन से सम्बंधित बहु स्तरीय और अन्तः विषयक संवादों को सुविधाजनक बनाती है। IHP रणनीति से जुड़ा होने और IHP परिषद द्वारा मान्यता प्राप्ति से पहले इसे हेग मंत्रिस्तरीय घोषणा (मार्च, 2000) द्वारा स्थापित किया गया था। यह कार्यक्रम इस तथ्य को संबोधित करता है कि जल की बढ़ती कमी विश्व में साझा जल पर दबाव बढ़ा रही है।
परियोजना का फोकस और रूपरेखा -
PC-CP कार्यक्रम से सम्बंधित गतिविधियाँ मुख्यतः निम्न विन्दुओं पर केन्द्रित होंगीः
इस पहल को 20 जून, 2014 को IHP की अतःशासकीय परिषद द्वारा पेरिस में अपने 21वें सत्र के निर्णय IHP/IC&XXI/DR5 द्वारा अनुमोदित किया गया था। यह वैज्ञानिक प्रकृति की है और इसका उद्देश्य विश्व की वृहत्त नदियों की स्थिति और संभावित भविष्य के समग्र वैज्ञानिक मूल्यांकन के लिए आवश्यक ज्ञान आधार तैयार करना है। इसके अलावा, इसका उद्देश्य उनके स्थाई प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर नवीन रणनीति विकसित करना है।
WLRI के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं:
जल के इतिहास को एक नया आयाम देने के लिए वेनिस में वर्ष 2017 में जल संग्रहालय के विश्व नेटवर्क (WAMU&NET) की स्थापना की थी। 2018 में IHP की अन्तः शासकीय परिषद ने WAMU-NET को एक 'प्रमुख पहल' (संकल्प n-XXIII-5 के द्वारा) के रूप में स्वीकार किया। यह संकल्प लोगों और संस्थानों से जल शिक्षा को बढ़ाने और जल के साथ हमारे बिगड़े हुए संबंधों को सुधारने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान करता है। जैसा कि चार्टर द्वारा तय किया गया है, WAMU-NET एक नैतिक दृष्टिकोण पर आधारित है जिसका उद्देश्य संस्थानों और नागरिकों को सूचित करना, जोड़ना और एकजुट करना है ताकि वे 'जल की एक नई संस्कृति' के निर्माण के आदर्श को वास्तविकता में बदल सकें। WAMU- NET का उद्देश्य अधिक दूरदर्शी जल प्रबंधन के लिए नई दृष्टि को बढ़ावा देने के लिए संग्रहालयों के माध्यम से विश्व में अधिकाधिक लोगों तक पहुँच बनाना है।
यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो दृष्टिकोण, उपकरण और दिशानिर्देश के माध्यम से शहरवासियों को अपने ज्ञान में सुधार करने की अनुमति देगा। इसके साथ ही शहर में जल की स्थिति का विश्लेषण और अधिक प्रभावी शहरी जल प्रबंधन रणनीति तैयार करने के लिए तत्पर रहेगा।
UWMP की प्रमुख गतिविधियाँ -
WHYMAP को वर्ष 1999 में पृथ्वी के जल संसाधनों, विशेष रूप से भूजल के बेहतर प्रबंधन की दिशा में विश्वव्यापी प्रयासों में योगदान करने के लिए बनाया गया था। यूनेस्को विश्व के भूवैज्ञानिक मानचित्र के लिए आयोग (CGMW), जल भूवैज्ञानिक के अंतर्राष्ट्रीय संघ (IAH), अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) और भूविज्ञान और प्राकृतिक संसाधनों के लिए जर्मन संघीय संस्थान (BGR) का एक संयुक्त कार्यक्रम है।
WHYMAP के उद्देश्य निम्न हैंः
यह परियोजना भूजल के वैश्विक जल चक्र की सूचना का आदान-प्रदान करती है। इसके साथ ही यह हमारी जानकारी को इस सन्दर्भ में विकसित्त करती है कि कैसे मानव की गतिविधि पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करती है और यह कैसे मानव गतिविधि और जलवायु परिवर्तन के जटिल दोहरे दबावों का सामना करती है।
GRAPHIC के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैंः
राष्ट्रीय समितियाँ IHP की रीढ़ हैं और यह अंतरर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में सदस्य देशों की व्यापक संभव भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारत में यूनेस्को- आईएचपी के सफल कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की को नोडल संस्थान के रूप में अभिनिर्धारित किया है। यूनेस्को के जल विज्ञान से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भारत की प्रभावी भागीदारी को बढ़ावा देना और समन्वय करने के साथ ही ऐसे अंतर्राष्ट्रीय निकायों के लिए एक राष्ट्रीय समिति के रूप में कार्य करना भी भारतीय राष्ट्रीय समिति का उत्तरदायित्व है। भारत में राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की द्वारा आयोजित जलविज्ञान सम्बन्धी विभिन्न गतिविधियों की सूचना यूनेस्को के आईएचपी सचिवालय, पेरिस (फ्रांस) को द्विवार्षिक देश रिपोर्ट के रुप में दी जाती है।
विगत कुछ वर्षों में राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर IHP से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिनमें से कुछ प्रमुख गतिविधियां निम्नवत हैंः