सभी सर्वेक्षित गाँव पेयजल के लिये हैण्डपम्प, कुएँ, तालाब एवं नदी-नालों के पानी पर निर्भर है। अध्ययन दल द्वारा किये गए फील्ड भ्रमण एवं अवलोकन में जिन 6 गाँवों में नल-जल योजना पाई गई, वहाँ एक भी गाँव में नल-जल की व्यवस्था काम नहीं कर रही थी। क्योंकि वहाँ पानी की टंकी नहीं बनाई गई, सिर्फ पाइप लाइन बिछाई गई, वह भी पाइप लाइन भी आधे गाँव में ही बिछाई गई। सूखा और अकाल स्थिति में लोगों को राहत उपलब्ध करवाने तथा भविष्य में अकाल की सम्भावनाओं को समाप्त करने हेतु योजना बनाने की जिम्मेदारी राज्य की है। बुन्देलखण्ड के अकाल को लेकर समाज में व्यापक चर्चा हो रही है। इस सन्दर्भ में यह देखना जरूरी है कि राज्य में इस बारे में क्या उपाय किये गए और जमीनी स्तर पर उन उपायों का कितना असर देखा गया? इस सन्दर्भ में यह देखना भी जरूरी है कि राज्य का प्रशासनिक तंत्र इन उपायों को जमीनी स्तर तक पहुँचाने में कितना कामयाब हुआ है?
यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र के विकास के लिये भारत सरकार द्वारा प्रथम चरण में वर्ष 2010 में राशि रुपए 118 करोड़ स्वीकृत किये गए थे। उसके बाद वर्ष 2011 में प्रदेश के उक्त छह जिलों के लिये 100 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई, जिससे 1287 लघु नल-जल योजनाओं का क्रियान्वयन का लक्ष्य था। किन्तु दिसम्बर 2015 तक कुल 89 योजनाओं के कार्य जारी थे और 1198 योजनाओं के कार्य पूरे किये गए।
बुन्देलखण्ड विकास विशेष पैकेज के द्वितीय चरण में भारत सरकार द्वारा रुपए 252.47 करोड़ की स्वीकृति पेयजल व्यवस्था हेतु दी गई। इसके जरिए वर्ष 2017 तक 3.50 लाख से अधिक जनसंख्या को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल मिलने की उम्मीद की गई थी। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत पेयजल व्यवस्था अनुसूचित जाति उपयोजना क्षेत्र के बसाहटों में विभाग द्वारा किये जा रहे हैं। प्रदेश में वर्ष 2015-16 में अनुसूचित जाति बहुल बसाहटों में निर्धारित लक्ष्य 1600 बसाहटों में पेयजल व्यवस्था के लक्ष्य के विरुद्ध 1453 बसाहटों में कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, शेष बसाहटों में कार्य प्रगति पर है।
मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं आदिवासी उपयोजना के अन्तर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किये गए कार्य | |||||||
कार्य | कार्यों की संख्या | ||||||
2013-14 | 2014-15 | 2015-16 दिसम्बर माह तक | |||||
आदिवासी उपयोजना | अनुसूचित जाति उपयोजना | आदिवासी उपयोजना | अनुसूचित जाति उपयोजना | आदिवासी उपयोजना | अनुसूचित जाति उपयोजना | ||
1. | ग्रामीण बसाहटों में हैण्डपम्प | 4620 | 1785 | 3520 | 2414 | 2335 | 1168 |
2. | ग्रामीण बसाहटों में नल-जल योजना | 467 | 341 | 920 | 580 | 556 | 247 |
3. | गुणवत्ता प्रभावित बसाहटों में पेयजल व्यवस्था | 450 | 70 | 422 | 117 | 92 | 38 |
4. | ग्रामीण शालाओं में पेयजल व्यवस्था | 1706 | 942 | 1085 | 850 | 532 | 320 |
5. | ग्रामीण आँगनबाड़ियों में पेयजल व्यवस्था | 2185 | 1154 | 1328 | 1138 | 704 | 390 |
पिछले 3 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी उपयोजना एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत व्यय का विवरण | |||
वर्ष | आदिवासी उपयोजना | अनुसूचित जाति उपयोजना | योग |
व्यय राशि लाख में | |||
2013-14 | 29102.28 | 19116.62 | 48218.9 |
2014-15 | 26880.60 | 16384.49 | 43265.09 |
2015-16 दिसम्बर माह तक | 15841 | 8788.84 | 24629.84 |
मध्य प्रदेश में हैण्डपम्पों की स्थिति | ||
विवरण | संख्या | |
1. | कुल स्थापित हैण्डपम्प | 528637 |
2. | चालु हैण्डपम्प | 505951 |
3. | कुल बन्द हैण्डपम्प | 22686 |
4. | जलस्तर कम होने से बन्द हैण्डपम्प | 10306 |
5. | असुधार योग्य | 9320 |
6. | साधारण खराबी से बन्द | 3060 |
पंच परमेश्वर योजना के अन्तर्गत मध्य प्रदेश की पंचायतों को आवंटित राशि | ||
क्रमांक | वित्तीय वर्ष | राशि (करोड़ रुपए में) |
1. | 2011-12 | 1401.91 |
2. | 2012-13 | 1406.36 |
3. | 2013-14 | 1500.48 |
4. | 2014-15 | 800.23 |
5. | 2015-16 | 6012.45 |
स्रोत - पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्य प्रदेश |