जल ही जीवन है। अगर यह जीवन है तो बेशक यह अनमोल है और ऐसी अनमोल चीज की कद्र भी जरूरी है। पानी हमें हमेशा मिलता रहे, इसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग जरूरी है। कैसे करें रेनवॉटर हार्वेस्टिंग और क्या हैं फायदे, एक्सपटर्स से बात कर जानकारी दे रहे हैं।
सबसे पहले इसे सही तरीके से समझने की जरूरत है। बारिश के पानी को हम जहाँ से भी ज्यादा-से-ज्यादा इकट्ठा कर सकते है, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग वहीं होनी चाहिए। छत इसके लिए सबसे मुफीद जगह होती है। सोसायटीज और खुद की जमीन पर अपने हिसाब से घर बनाने वालों के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग आसान है और इसे अनिवार्य भी बनाया जा रहा है। दिल्ली में अब अगर कोई 100 वर्ग मीटर या इससे बड़े एरिया में घर बनाता है तो उसे रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाना ही होगा।
इसमें बारिश के पानी को सीधे उपयोग करने के लिए जमा किया जाता है। इसके लिए बारिश के पानी को पाइप के द्वारा स्टोरेज में जमा किया जाता है। इसमें रेनी फिल्टर प्रयोग में लाया जाता है और इसकी वजह से यह पानी अमूमन साफ रहता है। यह तरीका उन इलाकों में ज्यादा कारगर है जहाँ पर जमीन के नीचे का पानी खारा है या फिर बारिश बेहद कम होती है। इस पानी को घर की सफाई और बागवानी में इस्तेमाल कर सकते हैं।
जहाँ का पानी मीठा हो, वहाँ धरती के नीचे बारिश का पानी भेजकर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज किया जा सकता है। इस पानी को हम मनमर्जी से खर्च नहीं कर सकते, लेकिन इस तरीके से जमीन के अन्दर मौजूद मीठे पानी के स्तर को बढ़ाया जाता है। इसके लिए खास तरह का गड्डा खोदना पड़ता है। अगर ग्राउंड वॉटर नमकीन हो तो मीठा पानी रिचार्ज करने से वह भी नमकीन हो जाता है।
रिचार्ज होने के लिए छत पर जमा होने वाले बारिश के पानी को सीधे एक गड्डे में भेजा जाता है। इसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग फिल्टर लगवाना पड़ता है। इस फिल्टर को छत से आगे वाली पाइप के निचले हिस्से में लगाया जाता है। इससे गड्डे में पहुँचने वाली कई तरह की गंदगी रुक जाती है और साफ पानी धरती के नीचे जाकर ग्राउंड वॉटर का लेवल बढ़ाता है।
थोड़ी-सी जानकारी लेकर आप खुद भी रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवा सकते हैं। यहाँ हम इसकी मोटी-मोटी जानकारी दे रहे हैं।
गड्डे का साइज कितना होगा, इसके लिए एक सामान्य फार्म्युला है : छत का एरिया X 0.8 X 0.025
मान लें कि आपकी छत का एरिया 100 मीटर है
पिट यानी गड्ढे खुदवाने के बाद उसमें नीचे की ओर फिल्टर मीडिया लगवाया जाता है। यह ईंट, चारकोल या एक्टिवेटिड कार्बन, बालू आदि से मिलकर बनता है।
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