भूजल

ताकि जीवन को मिलता रहे जल

आशीष दुबे


तालाबों के लिये संजीवनी बन सकती है केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण की नई योजना

नोएडा, 2 मार्च। केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण की नई योजना बर्बादी के कगार पर पहुँच चुके तालाब, पोखर के लिये संजीवनी साबित होगी। भले ही परम्परागत जलस्रोतों पर होने वाले अवैध कब्जे और मकान आदि पर बनाने की रोक कई सालों से लगी है। लेकिन आसमान छूती कीमतों और लालच के कारण लगातार तालाब, पोखर का दम घोटकर प्लाटिंग करने का सिलसिला जारी है। खासतौर पर गौतमबुद्ध नगर में तो गाँवों और कस्बों के तालाब तकरीबन खत्म होने के कगार पर पहुँच गए हैं। वहीं केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण की नई नीति लुप्त हो रहे तालाब आदि को बचाने में अहम रोल अदा करेगी।

नई नीति के तहत तालाब और पोखरों को बचाने के लिये अब बड़ी कम्पनियाँ आगे आएँगी। जो तालाब और पोखर को गोद लेकर वहाँ बारिश के पानी को सिंचित करने के उपकरण लगाकर रखरखाव करेंगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस नीति से दो फायदे होंगे, पहला तालाब व पोखरों के दम घोटने की प्रक्रिया पर रोक लगेगी। वहीं लगातार नीचे जा रहे भूजल स्तर को भी रोकने में मदद मिलेगी।

केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण ने जमीन के नीचे मौजूद पानी के स्तर को गिरने से रोकने के लिये फैक्टरियों की जिम्मेदारी तय कर दी है। इसके तहत एक फैक्टरी, साल भर में जितना पानी जमीन के नीचे से निकालेगी, जमीन के अन्दर उसके दो गुणे की वापसी भी करनी होगी। यानी अगर एक फैक्टरी साल भर में 1 लाख लीटर पानी जमीन से निकालकर इस्तेमाल करती है, तो उसे 2 लाख लीटर पानी जमीन में रिचार्ज करना होगा। विशेषज्ञों के अनुसार यह केवल रेनवाटर हार्वेस्टिंग से ही सम्भव है। चूँकि जितने इलाके में फैक्टरी लगी होती है, वहाँ पर बारिश को दौरान मिलने वाले पानी को रिचार्ज कर भरपाई सम्भव नहीं है। इसलिये इस्तेमाल के मुकाबले रिचार्ज के अनुपात को बनाए रखने के लिये फैक्टरियों को गाँवों के तालाब आदि को गोद लेना पड़ेगा। गोद लेने वाले तालाब पर फैक्टरी की तरफ से रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जो बारिश के दौरान पानी वैज्ञानिक विधि से जमीन के नीचे पहुँचाएगा। रेनवाटर हार्वेस्टिंग के जरिए बारिश के दौरान जमीन के नीचे जाने वाले पानी की रिकॉर्डिंग पीजोमीटर (पानी का लेवल नापने वाला मीटर) से होगी। ।

जहाँ थे तालाब, वहाँ अब झुग्गी

एनपी सिंह, जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर
डॉक्टर बीबी अवस्थी, क्षेत्रीय अधिकारी यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

क्या है नीति

बारिश की बूँदों से भरें जरूरतों का घड़ा

- दीपक जैन, रेनवाटर हार्वेस्टिंग और भूजल विशेषज्ञ
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