झांसी। सरकार से लगातार अतिक्रमण की शिकायत से थक-हारकर एनजीटी के दरवाजे पर जाना मजबूरी बन गई है। झांसी के एडवोकेट बीएल भाष्कर, गिरजा शंकर राय, नरेन्द्र कुशवाहा की याचिका 165/2021 पर लगातार खेल जारी है। भूमाफियाओं के पक्ष में ‘झांसी विकास प्राधिकरण’ और प्रशासन का खेल जारी है। लगभग 16 एकड़ के नगरीय क्षेत्र के प्राचीन लक्ष्मीतालाब और 490 एकड़ के नगर-पार्क की भूमि पर बडे़ पैमाने पर अवैध कब्जे हैं। तालाब और नगर-पार्क की भूमि को अवैध कब्जामुक्त कराने की याचिका पर सुनवाई सुनवाई करते हुये एनजीटी ने तालाब और नगर-पार्क की भूमि को अवैध कब्जामुक्त किये जाने के आदेश दिये थे। एनजीटी के आदेश पर नगर निगम और ‘झांसी विकास प्राधिकरण’ ने कुछ सात धार्मिक स्थलों को चिंहित कर उन्हे नोटिस जारी कर दिया। निजी बिल्डरों की ज़मीन के बारे में कार्रवाई करने की बजाय ‘ प्राचीन धार्मिक स्थलों’ के आड़ में प्राधिकरण अवैध भू-माफियाओं को बचाने में लगा हुआ है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की नई दिल्ली प्रिंसिपल पीठ ने *गिरजा शंकर राय आदि बनाम यूपी स्टेट* आदि में आवेदक नरेन्द्र कुशवाहा के निष्पादन आवेदन पर 14 दिसंबर 2022 को पारित में कहा है कि नगर पार्क और लक्ष्मी तालाब पर बड़ी संख्या में अनाधिकृत निर्माण है। औरअधिकारियों द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है या की जा रही है। यह हमारे एक गंभीर मामला है। जिम्मेदार अधिकारियों को पता होना चाहिए कि इस ट्रिब्यूनल के आदेश का गैर-अनुपालन राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010, की धारा 26 के तहत एक अपराध है, जिसमें उन अधिकारियों के खिलाफ दंड और कारावास की कार्यवाही शामिल है जो आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं और उसे निष्पादित नहीं कर रहे हैं।
नगरीय क्षेत्र के प्राचीन लक्ष्मीतालाब की भूमि पर बडे़ पैमाने पर अवैध रूप से कब्जा है। तालाब की भूमि को अवैध कब्जामुक्त कराने की याचिका पर सुनवाई कर एनजीटी ने 14 सितम्बर को सुनवाई करते हुये एनजीटी ने तालाब की भूमि को अवैध कब्जामुक्त किये जाने के आदेश दिये थे।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की नई दिल्ली प्रिंसिपल पीठ ने कहा, हालांकि, जमीनी स्तर की स्थिति के बारे में जानकारी रखने के लिए, हम एक स्वतंत्र प्राधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करना उचित समझते हैं। इसलिए, हम इस मामले को देखने के लिए एमओईएफ एंड सीसी, राज्य पीसीबी, जिला मजिस्ट्रेट, झांसी और एसएसपी, झांसी की एक समिति का गठन करते हैं। जिलाधिकारी, झांसी समन्वय एवं अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी होंगे। समिति एक तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी जिसमें संबंधित अधिकारियों द्वारा पार्क की भूमि पर किए गए अतिक्रमणों की संख्या और उपचारात्मक कार्रवाई, यदि कोई हो, के बारे में जानकारी दी जाएगी। रिपोर्ट में अन्य बातों के साथ-साथ पार्क के कुल क्षेत्रफल को उसके मूल स्तर पर और अब अतिक्रमण किए गए क्षेत्र शामिल है। पार्क को उसकी मूल इकाई में बहाल करने के संदर्भ में उपचारात्मक कार्रवाई भी प्रदान की जाय।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की नई दिल्ली प्रिंसिपल पीठ ने कहा कि उपाध्यक्ष, झांसी विकास प्राधिकरण एवं जिलाधिकारी, झांसी तथा प्रमुख सचिव, शहरी विकास, उ0प्र0 को निर्देश दिए की वे कारण बताएं कि ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन न करने पर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों न की जाय। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी 2023 तय की गई है।
याचिकाकर्ता का संपर्क - नरेन्द्र कुशवाहा, (पर्यावरण एवं आरटीआई कार्यकर्ता), झांसी, उत्तर प्रदेश, मो. 9452041529