...असीरगढ़ का किला! फौजियों का ठिकाना!
यह किला फारुखी, मुगल, अंग्रेजों, मराठों आदि शासकों की छावनी रह चुका है।
असीरगढ़ के किले के नीचे की ओर मुख्य दीवार व सुरक्षा की दूसरी दीवार के बीच में अनेक स्थानों पर अभी भी पुरातनकालीन गड्ढे जीर्ण-शीर्ण अवस्था में देखने को मिलते हैं। इनमें अब मिट्टी भर गई है। ये इस बात का संकेत देते हैं कि छत की दीवार, बाहरी ढलान या ओवर-फ्लो पानी को भी इन कुण्डियों में सहेजा जाता होगा। किले की पूर्वी-दक्षिण दिशा में पानी निकासी की दो छोटी-छोटी नहरें दिखाई देती हैं। स्थानीय लोग इन्हें गंगा-जमुना के नाम से जानते हैं।
मध्य प्रदेश में जल संरक्षण की परम्परा (इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिये कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें।) | |
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