बिहार के बागमती नदी के किनारे बसे सझौती गांव से, छठ पूजा की एक अंतरंग झलक - जहां लाखों प्रवासी अपने घर लौटते हैं, युवा घाट तैयार करते हैं, और परिवार सांझ और भोर दोनों ही समयों में नदी किनारे इकट्ठा हो ...
पूजा के दिन यमुना को स्वच्छ दिखाने के लिए बायो-डिटर्जेंट से झाग खत्म करने की कवायद और नहर का पानी छोड़ कर नदी का प्रवाह बढ़ाने की कोशिशों पर उठ रहे सवाल, स्थायी समाधानों की है सख्त ज़रूरत
गांवों में घटते भूजल स्तर और पारंपरिक जल स्रोतों की सामुदायिक अनदेखी ने न सिर्फ़ जल संकट को और गहरा किया है बल्कि इसका असर सिमटते सामाजिक जीवन, खोती परंपराओं और खत्म होती सांस्कृतिक गतिविधियों में भी ...