पूजा के दिन यमुना को स्वच्छ दिखाने के लिए बायो-डिटर्जेंट से झाग खत्म करने की कवायद और नहर का पानी छोड़ कर नदी का प्रवाह बढ़ाने की कोशिशों पर उठ रहे सवाल, स्थायी समाधानों की है सख्त ज़रूरत
गांवों में घटते भूजल स्तर और पारंपरिक जल स्रोतों की सामुदायिक अनदेखी ने न सिर्फ़ जल संकट को और गहरा किया है बल्कि इसका असर सिमटते सामाजिक जीवन, खोती परंपराओं और खत्म होती सांस्कृतिक गतिविधियों में भी ...
महुए का पेड़ बस्तर और मेलघाट के जंगलों में रह रहे आदिवासी परिवारों के लिए बहुत खास है। यह उन्हें खाना, दवाई और कमाई तीनों देता है। लोग सुबह-सुबह इसके फूल बीनते हैं, सुखाते हैं और बाज़ार में बेचते हैं। ...